प्रभा को अपनी माँ की फ़िक्र रहती थी। पापा भी इसी तरह लापरवाही करते असमय चले गए थे। बड़ी प्रभा को अपनी माँ की फ़िक्र रहती थी। पापा भी इसी तरह लापरवाही करते असमय चले गए थ...
ये छोटी-छोटी घटनाएं, पल-पल, समय से अलग होती रहती हैं, समय चाह कर भी इन्हे संजो के अपने ये छोटी-छोटी घटनाएं, पल-पल, समय से अलग होती रहती हैं, समय चाह कर भी इन्हे संजो क...
जीवन में प्रेरणा का स्रोत तो कहीं से भी मिल सकता है चाहे वह रेत रेत ,हो चींटी, हो या खु जीवन में प्रेरणा का स्रोत तो कहीं से भी मिल सकता है चाहे वह रेत रेत ,हो चींटी, ह...
कभी कभी आत्ममुग्ध होना धीरे धीरे कठोरता और अहम में तब्दील हो जाता है. कभी कभी आत्ममुग्ध होना धीरे धीरे कठोरता और अहम में तब्दील हो जाता है.
शादी का मतलब बंधन नहीं साथ होता है| शादी का मतलब बंधन नहीं साथ होता है|
मत बता, आज नहीं तो दो दिन बाद बताएगी। मुझे बताए बग़ैर तेरा खाना ही हज़म नहीं होगा मत बता, आज नहीं तो दो दिन बाद बताएगी। मुझे बताए बग़ैर तेरा खाना ही हज़म नहीं होग...